बंगाल की खाड़ी में चक्रवात हमून का खतरा गहराता जा रहा है, जिससे पश्चिम बंगाल और ओडिशा में विशेष चेतावनी जारी की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह अनुमान लगाया है कि इस गहरे दबाव का क्षेत्र जल्द ही एक शक्तिशाली चक्रवात में परिवर्तित हो सकता है।
चक्रवात का प्रभाव
चक्रवात हमून से प्रभावित क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ 60-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। समुद्री गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने का निर्देश जारी किया गया है।
राज्य सरकारों की तैयारियां
पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारें इस चक्रवात के मद्देनज़र बचाव कार्यों के लिए तैयारियां कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। साथ ही, राज्य आपदा प्रबंधन दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
मछुआरों के लिए चेतावनी
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, और जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस लौटने का आदेश दिया गया है। इस चक्रवात से समुद्र में भारी उठापटक हो सकती है, जिससे तटीय क्षेत्र प्रभावित होंगे।
तटीय क्षेत्रों में खतरा
चक्रवात हमून से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। राज्य सरकारों ने आवश्यक आपूर्ति और दवाओं के भंडार तैयार किए हैं और राहत शिविरों की भी व्यवस्था की जा रही है।
प्रशासन की सलाह
प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे घबराएं नहीं, और सुरक्षित स्थानों पर रहें। साथ ही, मौसम विभाग द्वारा जारी की जा रही ताज़ा जानकारी पर नज़र रखें और आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करें।
यह चक्रवात अगर तेज़ी से विकसित हुआ, तो आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर दिख सकता है, और प्रशासन इसके मद्देनज़र हर आवश्यक कदम उठा रहा है।