टीवी की मशहूर अभिनेत्री श्वेता तिवारी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने करियर के संघर्षों और फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव का सामना करने के बारे में खुलासा किया। श्वेता, जो ‘कसौटी ज़िंदगी की’ जैसे हिट शो से घर-घर में पहचानी जाती हैं, ने बताया कि कैसे उन्हें टीवी अभिनेत्री कहकर फिल्म इंडस्ट्री में काम देने से मना कर दिया गया। यह घटना न केवल श्वेता तिवारी के संघर्षों को उजागर करती है बल्कि फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के बीच मौजूद भेदभाव को भी दर्शाती है।
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श्वेता तिवारी का करियर
श्वेता तिवारी ने अपने करियर की शुरुआत टीवी सीरियल्स से की और जल्दी ही अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर टीवी इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन गईं। ‘कसौटी ज़िंदगी की’ में प्रेरणा के किरदार ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने कई रियलिटी शोज़ और सीरियल्स में काम किया और अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया।
फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव
श्वेता तिवारी ने इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने टीवी इंडस्ट्री में सफल होने के बाद फिल्मों में काम करने की कोशिश की, तो उन्हें कई बार ‘टीवी एक्ट्रेस’ कहकर काम देने से मना कर दिया गया। उन्होंने कहा, “मुझे कई बार कहा गया कि ‘आप टीवी की एक्ट्रेस हैं, आप फिल्मों में काम नहीं कर सकतीं।’ यह सुनकर बहुत दुख होता था, क्योंकि मैं भी एक एक्ट्रेस हूं और मेरे पास भी उतनी ही क्षमता है जितनी किसी भी फिल्म एक्ट्रेस के पास होती है।”
दर्द भरा अनुभव
श्वेता तिवारी ने बताया कि यह भेदभाव उन्हें बहुत आहत करता था और कई बार उन्होंने अपने करियर को लेकर असमंजस महसूस किया। उन्होंने कहा, “जब आपकी कड़ी मेहनत को केवल इसलिए नजरअंदाज कर दिया जाए क्योंकि आप एक टीवी एक्ट्रेस हैं, तो यह बहुत ही निराशाजनक होता है। मैं भी फिल्मों में काम करना चाहती थी, लेकिन इस भेदभाव ने मेरे सपनों को पूरा करने में रुकावट डाली।”
बदलते समय के साथ उम्मीदें
हालांकि, श्वेता तिवारी ने यह भी कहा कि समय के साथ इंडस्ट्री में बदलाव आ रहा है और अब टीवी और फिल्म इंडस्ट्री के बीच का भेदभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। उन्होंने कहा, “अब कई टीवी एक्टर्स फिल्मों में काम कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह देखकर खुशी होती है कि अब इंडस्ट्री में बदलाव आ रहा है और कलाकारों को उनके टैलेंट के आधार पर काम मिल रहा है, न कि उनके बैकग्राउंड के आधार पर।”
श्वेता तिवारी का यह अनुभव इंडस्ट्री में मौजूद भेदभाव की ओर एक महत्वपूर्ण इशारा है। यह कहानी न केवल श्वेता तिवारी के संघर्षों को उजागर करती है, बल्कि सभी टीवी कलाकारों के लिए एक प्रेरणा भी है जो फिल्मों में अपनी जगह बनाना चाहते हैं। श्वेता तिवारी ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
आज के समय में, श्वेता तिवारी की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपमें प्रतिभा और मेहनत करने का जुनून है, तो किसी भी प्रकार का भेदभाव आपके सपनों को पूरा करने से रोक नहीं सकता।